राधा नाचे कृष्ण नाचे, नाचे गोपी जन!
मन मेरा बन गया सखी री सुँदर वृँदावन
कान्हा की नन्ही ऊँगली पर नाचे गोवर्धन
राधा नाचे कृष्ण नाचे, नाचे गोपी जन!
मन मेरा बन गया सखी री सुँदर वृँदावन।
श्याम सांवरे, राधा गोरी, जैसे बादल बिजली!
जोड़ी जुगल लिए गोपी दल, कुञ्ज गलिन से निकली,
खड़े कदम्ब की छांह, बांह में बांह भरे मोहन!
राधा नाचे कृष्ण नाचे, नाचे गोपी जन !
वही द्वारिकाधीश सखी री, वही नन्द के नंदन!
एक हाथ में मुरली सोहे, दूजे चक्र सुदर्शन!
कान्हा की नन्ही ऊँगली पर नाचे गोवर्धन!
राधा नाचे कृष्ण नाचे, नाचे गोपी जन
जमुना जल में लहरें नाचें , लहरों पर शशि छाया!
मुरली पर अंगुलियाँ नाचें , उँगलियों पर माया!
नाचें गैय्याँ , छम छम छैँय्याँ , नाच रहा मधुबन!
राधा नाचे कृष्ण नाचे , नाचे गोपी जन!
मन मेरा बन गया सखी री सुँदर वृँदावन.
मन मेरा बन गया सखी री सुँदर वृँदावन
कान्हा की नन्ही ऊँगली पर नाचे गोवर्धन
राधा नाचे कृष्ण नाचे, नाचे गोपी जन!
मन मेरा बन गया सखी री सुँदर वृँदावन।
श्याम सांवरे, राधा गोरी, जैसे बादल बिजली!
जोड़ी जुगल लिए गोपी दल, कुञ्ज गलिन से निकली,
खड़े कदम्ब की छांह, बांह में बांह भरे मोहन!
राधा नाचे कृष्ण नाचे, नाचे गोपी जन !
वही द्वारिकाधीश सखी री, वही नन्द के नंदन!
एक हाथ में मुरली सोहे, दूजे चक्र सुदर्शन!
कान्हा की नन्ही ऊँगली पर नाचे गोवर्धन!
राधा नाचे कृष्ण नाचे, नाचे गोपी जन
जमुना जल में लहरें नाचें , लहरों पर शशि छाया!
मुरली पर अंगुलियाँ नाचें , उँगलियों पर माया!
नाचें गैय्याँ , छम छम छैँय्याँ , नाच रहा मधुबन!
राधा नाचे कृष्ण नाचे , नाचे गोपी जन!
मन मेरा बन गया सखी री सुँदर वृँदावन.
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