NiKi

NiKi

Friday, August 24, 2012

गोकुल वासी श्री कृष्ण मुरारी,

तीनोही काल तेरी महिमा न्यारी !

हारेहुवों पर कृपा दृष्टी तुम्हारी,

संसार में एक तुमही कष्टहारी !

आया शरण मै अब तुम्हारी,

जीवन उद्धारो प्रभु मर्जी तुम्हारी !

आस बुझाओ दर्शन की हमारी ,

मन में बसे मूरत तुम्हारी !

हर पल सुमिरन करू तुम्हारी,

बाते करू तो प्यारी तुम्हारी !

सांवली सूरत बड़ी प्यारी तुम्हारी,

प्रियसखा हमारे तुम श्रीकृष्ण हरी !

मायामोह में झपेटे हम संसारी,

मोहे सम्भालों घनश्याम तुम गिरिधारी ...

No comments:

Post a Comment