मुझको तेरी खुबिया और खामिया सब है अजीज
तू मुझे कुछ कुछ नही, सारे का सारा चाहिये
वो मोहब्बते जो तुम्हारे दिल में है
उनको जुबान पार लाओ और बयान कर दो
आज बस तुम कहो और केहते हि जाओ
हम बस सुने ऐसा बे जुबान कर दो
आ जाओ के ऐसा टूट कर चाहु तुम्हे
हमारी मोहब्बत को मोहब्बत का निशान कर दो
अपने दिल में इस तरह छुपा लो मुझ को
रहू हमेशा इस में, ऐसा मेरा मकान कर दो

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